हाईटेक ठगी में दो साफ्टवेयर इंजीनियर बंदी

इलाहाबाद। पासवर्ड चुराकर दूसरे के बैंक खातों से ऑनलाइन खरीदारी करने वाले एक गैंग का आखिरकार पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया। आईटी एक्सपर्ट की मदद से लंबी जांच के बाद पुलिस टीम ने बीटेक की पढ़ाई कर चुके दो साफ्टवेयर इंजीनियरों को गिरफ्तार किया है। उनका एक साथी फरार है। ये तीनों युवक दूसरे के खातों से ऑनलाइन खरीदारी के जरिए पिज्जा, महंगे जूते-कपड़ों, चश्मों के साथ ही हवाई यात्रा का मजा ले रहे थे। पकड़े गए युवकों के पास लैपटॉप समेत कई सामान मिले।
इस गिरोह के पीछे पुलिस करीब छह माह से लगी थी। जून में अल्लापुर के राजेश पटेल ने केस लिखाया था कि स्टेट बैंक स्थित उसके खाते से पता नहीं किन लोगों ने 23 हजार रुपए की ऑनलाइन खरीदारी की है। एसएसपी के पीआरओ ज्ञानेंद्र राय जार्जटाउन पुलिस के साथ जांच में लगे थे। आईटी एक्सपर्ट की मदद से धीरे-धीरे शातिर दिमाग युवकों का सुराग मिलने लगा। इलाहाबाद पुलिस की सूचना पर दो दिन पहले एक युवक देवल ऋषि तिवारी को दिल्ली पुलिस ने पालम एयरपोर्ट के बाहर पकड़ लिया। उसे इलाहाबाद में जार्जटाउन थाने लाया गया। फिर उसके साथी धनंजय सिंह को भी पुलिस ने अल्लापुर में गिरफ्तार कर लिया।
इनमें देवल ऋषि फर्रुखाबाद में हेलाकूचा दिल्ली ख्याली मुहल्ला का निवासी है जबकि धनंजय सोनभद्र में घोरावल के शिल्पी गांव का रहने वाला है। उनका तीसरा साथी अंकुर वर्मा आगरा का रहने वाला है। इन तीनों ने नोएडा स्थित विश्व सरैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक की पढ़ाई की थी। देवल ऋषि नवी मुंबई स्थित एक फर्म में साफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत है। धनंजय यहां दारागंज की गणेश कॉलोनी में किराए के कमरे में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है।
गिरफ्तार दोनों युवकों से पूछताछ के बाद एसपी क्राइम एके पांडेय ने उनकी करतूतों के बारे में जानकारी दी। उनके मुताबिक, इनमें धनंजय ही इस गैंग का मास्टर माइंड है। उसने एटीएम बूथ में लोगों के कार्ड के पिन नंबर देख ऑनलाइन खरीदारी की कारगुजारी शुरू की थी। पिछले साल भर में इन तीनों ने आधा दर्जन से ज्यादा लोगों के पिन नंबर चुराकर उनके बैंक खातों से इंटरनेट के जरिए लाखों रुपए की खरीदारी की। दूसरे की रकम से वे कीमती विदेशी चश्मे, महंगे ब्रांडेड जींस, पैंट, टी-शर्ट, लैपटॉप, मोबाइल फोन, हीरे खरीदते रहे। मुंबई-दिल्ली के बीच हवाई यात्रा की तो यहां सिविल लाइंस स्थितडोमिनोज के पिज्जा का भी लुत्फ लेते रहे। ये तीनों युवक मुंबई में महंगे होटलों में भी ठहरते थे। प्लेन के टिकट खरीदने के लिए वे फर्जी आईडी का इस्तेमाल करते थे।
प्लेन में सफर किया और टिकट भी बेचे
पुलिस ने गिरफ्तार देवल ऋषि और धनंजय से विभिन्न एयरलाइंस के लाखों रुपये के टिकट, रेल टिकटों के रेकार्ड, बैंक खातों के अभिलेख, कई फर्जी वोटर पहचान पत्र, मोबाइल फोन, लैपटॉप, चश्मे, मंहगे कपड़े और हैक करने वाले साफ्टवेयर की सीडी बरामद की है। इन युवकों ने कई लोगों को सस्ते में एयर टिकट बेचकर अपने बैंक खाते में पैसे भी जमा कराए। अल्लापुर में ही रहने वाले एयरफोर्स कर्मी आशुतोष पांडेय के बैंक खाते से कुछ दिन पहले 48 हजार रुपए की खरीदारी की थी।
एसपी क्राइम एके पांडेय का कहना है कि पूछताछ में इन दो साफ्टवेयर इंजीनियर ने कहा कि वे एटीएम बूथ में पैसा निकाल रहे लोगों के पिन कोड चुपके से देखकर याद कर लेते थे। बाद में उस पिन कोड के जरिए खरीदारी करते थे, लेकिन जांच में पीआरओ ज्ञानेंद्र राय को युवकों के बारे में सुबूत मिले कि वे हैकिंग में भी माहिर है। उन्होंने एक-दूसरे को हैकिंग से जुड़ी जानकारियों वाले कई ई-मेल भेजे थे।

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